Respuesta :

sanskritभारत के विभिन्न प्रान्तों में विद्यालयों में भाषा सम्बद्ध नीति समान नहीं है। कहीं दो भाषाएँ पढ़ाई जाती है तो कहीं तीन। उनमें जो एक भाषा सब प्रान्तों में अनिवार्य रूप में पढ़ाई जाती है वह अंग्रेजी है। अधिकांश पढ़े लिखे लोगों के 62 वर्षों के अथक प्रयत्नों के पश्चात् भी हमारे देश के 10 प्रतिशत लोग अंग्रेजी समझ पाते हैं और 1 प्रतिशत बोल पाते हैं। 100 प्रतिशत भारतीयों की मातृभाषा कोई न कोई भारतीय भाषा है, जिनकी जननी संस्कृत है। यदि संस्कृत को सभी प्रान्तों में अध्ययन के लिए अनिवार्य भाषा बनाया होता और अंग्रेजी इतना परिश्रम संस्कृत सीखने पर किया होता तो भारत के सभी लोग आपस में जुड़ जाते और क्षेत्रीय भाषाओं को समझ पाते। बिना संस्कृत जाने आप भारतीय भाषाओं का पूरी तरह से आस्वाद नहीं उठा सकते। उदाहरण के रुप में ‘वन्दे मातरम्’ इस गान को लिया जाए। इसमें मूल बांग्ला शब्दों की तुलना में संस्कृत शब्द अधिक हैं। इस कारण अधिकतर जनता ‘वन्दे मातरम्’ को संस्कृत गीत मानती है। ‘जन-मन-गण’ इस गीत की स्थिति भी ऐसी ही है। क्या बिना संस्कृत जाने राष्ट्रगानों का अर्थ समझ में आ जायेगा?

भारत की सभी भाषाओं पर अंग्रेजी, फारसी, अरबी इत्यादि विदेशी भाषाओं का आक्रमण जारी है। वार्तापत्र, दूरदर्शन एवं दैनिक व्यवहार में मिली जुली भाषा का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। ऐसी ही स्थिति रही तो भारत की किसी भी भाषा को शुद्ध बोलना अधिकांश लोगों के लिए असंभव हो जायेगा। इस संकट का एक कारण है मण्डी में आनेवाली विविध नूतन वस्तुओं के लिए नामों का भारतीय आविष्कार उपलब्ध न होना। इस कार्य को संस्कृत भाषा माध्यम से निश्चित पूरा किया जा सकता है। 1700 धातु 22 उपसर्ग और 20 प्रत्ययों के आधार पर संस्कृत में अनगिनत शब्दों का सृजन किया जा सकता है और भारतीय भाषाओं को बचाया जा सकता है। वर्तमान में 27 लाख 20 हजार शब्द संस्कृत भाषा में प्रयुक्त होते हैं। वें अर्थवाही हैं। उदाहरण के लिए हृदय शब्द को लीजिए। इसमें प्रथम धातु है हृ याने हरण करना, दूसरा है दा याने देना और तीसरा है य याने घुमाना। यह तीनों कार्य हृदय करता है।

Explanation:

hope it will helps

Answer:

you should learn sanskrit so that you will always know about the bravery of our great ancestors,historical personalities and to preserve our natural heritage.